Sunday 17 July 2016

तिरछी नज़र से !

 
 सोशल मीडिया और डिजिटल मीडिया के इस दौर में छिपने-छिपाने को कुछ ख़ास नहीं रह जाता । ये ऐसे मंच हैं जहां आप-हम अपने विचार उन्मुक्त भाव से साझा करते हैं और शब्दों की स्वरचित सीमा में अपनी बात को कह देने का साहस जुटा लेते हैं । जिन बातों, मुद्दों को इलेक्टॉनिक और प्रिंट मीडिया में अपेक्षित जगह नहीं मिल पाती वो सोशल मीडिया के माध्यम से दुनिया के हर कोने तक पहुंच रहें हैं । अब बिलासपुर (छत्तीसगढ़) के तत्कालीन आई.जी. पवन देव के मुद्दे को ही ले लीजिये । महिला सिपाही से मोबाईल पर अश्लील बातें करने, उसे बंगले बुलाकर उसके खूबसूरत जिस्म से प्यार करने की कोशिश ने ख़ासा बवाल मचाया । अख़बार, इलेक्ट्रॉनिक मीडिया ने कई दिन तक पवन को सुर्ख़ियों में रखा लेकिन सोशल मीडिया और डिजिटल मीडिया पर साहब की करतूतों के चर्चे अभी भी सुर्ख़ियों में हैं । अब एक महिला का नाम सामने आया हैं जिस पर आरोप है कि उसने अपने पति को आत्महत्या के लिए मजबूर किया । पुलिस में मामला दर्ज होने के बाद आई.जी.पवन देव के व्यक्तिगत रूचि लेने पर मामले को खात्में में डाल दिया गया । अब उस महिला को बार-बार ये कहना पड़ रहा है की उसका पवन देव से कोई संबंध नहीं है । कई बार इस तरह के मामले सुर्खियां बटोरने के लिए भी किये जाते हैं लेकिन इस बार पवन के खिलाफ हवा का रुख कुछ ज्यादा ही तेज है ।
            सांस अभी बाकी है ...
             
 छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की नब्ज़ टटोलने पर ही पता चलता है उसकी सांस अभी चल रही है । सत्ता से विमुख हुए डेढ़ दशक पूरे होने को हैं, विपक्ष में रहकर भी कोई ख़ास भूमिका निभाई हो दिखाई नहीं पड़ता । पार्टी कार्यक्रम और सियासी विरोध प्रदर्शन को छोड़ दें तो कांग्रेस एक भी ऐसा मुद्दा नहीं गिना सकती जिसके दम पर सरकार की पेशानी पर बल पड़ा हो । बिलासपुर में कांग्रेस की गुटबाजी का छोर खोजने निकलें तो पता ही नहीं चलता कौन सा सिरा कहाँ किससे मिला है । बिलासपुर विधायक अमर अग्रवाल की चौथी पारी, बतौर मंत्री उनकी हैट्रिक फिर भी कांग्रेस कहती है बेईमानों का राज बदल दो... अमर अग्रवाल मस्त...जनता त्रस्त । इन नारों से नगर सेठ की सेहत पर कोई बुरा असर नहीं पड़ता, हाँ इस तरह के शोर से कांग्रेसी प्रदर्शक भी बुरे नहीं बनते । इतना विरोध, शोर शराबा सियासत के पैंतरों में शामिल है । बिलासपुर में सीवरेज और सड़क की दुर्दशा पर स्यापा मचाने वाले क्यूँ भूल रहे इसी दुर्दशा की तस्वीर के बीच सेठ ने चुनावी दंगल में बिलासपुर विधानसभा से अमर रहने का आशीर्वाद लगातार चौथी बार बटोर लिया । दूसरी बात सीवरेज के काम को किनारे कर दें तो शहर की सड़कें, गालियां, नाली और चौक-चौराहों के साथ सौंदर्यीकरण का अधिकाँश काम कांग्रेसी ठेकेदारों ने ही किया । कायम रहने के लिए नगर सेठ की देहरी पर माथा भी टेका । कई बे-गैरतमंद सियासी बाज़ार में मुँहबोली कीमत में बिके भी, फिर किस बात का स्यापा..? सड़क पर रोपा लगाकर उसकी दुर्दशा दिखाने की कोशिश में एक जुट हुए कांग्रेसी भीतर से कितने कद्दावर है ? सभी का ज़मीर जानता है, इस तरह के विरोध प्रदर्शन सिर्फ ख़बरों में बने रहने के लिए होते हैं । शहर की आबरू से सबने खेलने की कोशिश सभी ने की । सियासी खेल में शह-मात का खेल, लेकिन पिछले तीन पंचवर्षीय से एक तरफा खेल । बाजी खेलने-खिलाने वालों को भी वजहें पता है ऐसे में सड़क की दुर्दशा को लेकर प्रदशर्न ? अरे भाई गौरव पथ ने शहर का मान बढ़ाया, अरपा की रेत से तेल निकालकर उसकी दुर्दशा पर घड़ियाली आंसू, बहुत कुछ है । कहने को, सुनाने को मगर सिर्फ कहने सुनाने से नहीं बल्कि कुछ करके दिखाना होगा । शहर की दुर्दशा के लिए शायद हम सब जिम्मेवार हैं । 
                छत्तीसगढ़ जनता पार्टी (जोगी)

छत्तीसगढ़ की राजनीति में भूचाल ला देने की अफवाहों के बीच पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी ने कांग्रेस का दामन छोड़कर नई पार्टी बनाई । वन मैन शो के आदि रहे जोगी को कांग्रेस में लगातार उपेक्षा के दंश झेलने पड़ रहे थे । काफी शोर-शराबे और ड्रामें के बाद पार्टी बनाई गई जिसका नाम छत्तीसगढ़ जनता कांग्रेस (जोगी) रखा गया । पार्टी की नई कार्यकारिणी बनाई गई और अक्सर मौक़ा देख यहां वहां पहुंचकर राजनीति करने वालों को जिम्मेदारियों के बोझ तले दबाया गया । कुछ जोगी भक्त, कुछ स्वामी पसंद तो कुछ दबाव या महत्वकांक्षा बस पुराने कमिया (पूर्व मुख्यमंत्री) के साथ हो लिए । अब विडम्बना ये कि जिन लोगों को 13 साल से ज्यादा हो गए सत्ता के गलियारे से दूर हुए वो कांग्रेस तो दूर नई पार्टी का नाम भी ठीक से नहीं ले पा रहे । अजीत जोगी ने नई पार्टी की युवा टीम का गठन किया । छत्तीसगढ़ जनता युवा कांग्रेस की कार्यकारिणी में अंकित गौराह को बिलासपुर संभाग की जिम्मेवारी सौंपीं गई । नई जिम्मेवारी के लिए उन्हें मेरी भी शुभकामनाएं मगर नए संभाग प्रभारी अब भी पार्टी के नाम को लेकर असमंजस में हैं । शायद मन भाजपाई हो गया, दिल जोगी को छोड़ना नहीं चाहता और कांग्रेस के नमक का स्वाद अब भी जबान पर बाकी है । उन्होंने सोशल मीडिया पर अपनी नई जिम्मेवारियों की सूचना अख़बार की कतरन के साथ पोस्ट की । अंकित की माने तो उन्हें छत्तीसगढ़ जनता पार्टी (जोगी) में बिलासपुर संभाग का प्रभारी बनाया गया है । अखबार की कतरन कुछ और कहती है ? वैसे भी जोगी परिवार की सत्तासीन भाजपा से मधुरता छिपी नहीं है शायद अंकित ने अनजाने ही सही उसे यहां शब्दों में अंकित कर दिया ।
           इस पोस्ट पर लगी सभी कतरन सोशल और डिजिटल मीडिया से ली गई है ।

2 Comments:

At 17 July 2016 at 06:08 , Blogger dey said...

This comment has been removed by the author.

 
At 17 July 2016 at 06:11 , Blogger dey said...

Pure journalism, precise critical analysis of such opportunist's. These writeup's helps to keep check on these pretentious well wishers who otherwise will become outrageous..!

 

Post a Comment

Subscribe to Post Comments [Atom]

<< Home